Hindi, asked by bhatinaresh672, 8 months ago

प्राचीन मानव पर एक कार्टून बने उनकी शिकार सभा और तस्वीरें बनाने की क्रिया विधि को दें​

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Answered by moinkazi667
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Answer:

रिपब्लिक ऑफ कांगो में रहने वाली आदिम शिकारी-फ़रमर या शिकारी-संचयी जनजाति " बेंजले बायका" के लिए नेविगेशन एक महत्वपूर्ण गुण हैं ! ये भोजन के लिए पूरी तरह से जंगलो पर निर्भर करती हैं ,ये आदिवासी जंगल मे घूम घूम कर भोजन जुटाते हैं! इन लोगो मे दिशा ज्ञान बहुत जल्द 6 वर्ष की उम्र से ही विकसित हो जाता हैं । इस समुदाय में लैंगिक समानता हैं क्योंकि स्त्री और पुरुष दोनों को ही मछली पकड़ने ओर शिकार करने के लिए लंबी यात्रा करनी पड़ती है। इस आदि समाज के बच्चों में 6 वर्ष की उम्र में ही दिशा ज्ञान की क्षमता विकसित हो जाती हैं।इस आदिम जनजाति समूह की खास विशेषता यह है कि ये लोग मधुमखियों की तरह सूर्य का इस्तेमाल दिशा ज्ञान के लिए करते हैं। ।[2] यह कृषि या मवेशी पालन पर आधारित उन समाजों से बहुत भिन्न होते है जो पाले या उगाए गए पेड़-पौधों और जानवरों से अपना आहार प्राप्त करते हैं। इन्हें ५ से लेकर ८०% तक भोजन जंगल में खोजने (संग्रहण) से प्राप्त होता है। सारे मनुष्यों के पूर्वज अति-प्राचीन काल में शिकार-संचय का ही जीवन बसर करते थे। वर्तमान से १०,००० साल पहले तक सभी मानव शिकारी-संचयी समूहों में रहते थे। कृषि के आविष्कार के बाद विश्व में अधिकतर स्थानों पर लोग कृषि समाजों में रहने लगे और शिकार-संचय का जीवन छोड़ दिया। फिर भी, कुछ दूर-दराज़ के क्षेत्रों में शिकारी-संचयी मानव समाज मिलते हैं, जैसे की भारत के अंडमान द्वीपसमूह के उत्तर सेंटिनल द्वीप पर बसने वाली सेंटिनली उपजाति। शिकारी-फ़रमर और उन अन्य समाजों में, जो जानवरों को पालतू बनाते हैं, अंतर करने का कोई विशेष मापदंड नहीं हैं क्योंकि कई समकालीन समाज अपने लोगों के निर्वाह हेतु दोनो रणनीतियों का पालन करते हैं।

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