प्राचीन शिक्षा और वर्तमान शिक्षा प्रणाली में क्या अंतर हैं?
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प्राचीन शिक्षा प्रणाली और वर्तमान की शिक्षा प्रणाली में बहुत अंतर है।
प्राचीन काल में गुरुकुल जाकर विद्या प्राप्त करते थे और अपने गुरु की सारी आज्ञा का पालन करते थे। गुरु के शिष्य आश्रम में ही निवास करते थे। शिष्यों को भी काम देते थे, उसे वह बड़ी शालीनता के साथ करते थे। इसका उदाहरण हमें रामायण और महाभारत में देखने को मिलता है, महाभारत में भी कौरव और पांडव ने आश्रम जाकर शिक्षा प्राप्त की थी। श्री कृष्ण और सुदामा दोनों की मित्रता तो मिसाल ही है, वह गुरुकुल में ही हुई थी। किंतु प्राचीन काल में एक दोष भी था कि केवल राजा महाराजाओं के पुत्रों को ही गुरुकुल में शिक्षा दी जाती थी।
आधुनिक शिक्षा प्रणाली विद्यालय केंद्रित हैं। करीब ढाई साल की उम्र से ही बच्चे शिक्षा लेना शुरू कर देते हैं। शिक्षा का स्तर धीरे-धीरे इतना बढ़ता जाता है कि बच्चा उसमें ही अपना पूरा समय लगा देता है, उसे खेल कूद और अन्य गतिविधियों के लिए समय नहीं मिल पाता। आज शिक्षा समानता है, बालक और बालिकाओं दोनों को समान शिक्षा दी जाती है। आज शिक्षा के बहुत सारे विकल्प है। सरकारी विद्यलय तथा निजी विद्यालय दोनों के विकल्प मौजूद हैं।
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The following are the differences between ancient education and the current education system:
1. The classes in the ancient education system took place under the banyan tree or the countryside, whereas, there are proper schools in contemporary times.
2. There were no written books in the ancient education system, on the other hand, there are printed and e-books available in the contemporary education system.
3. The time table for students was not fixed in ancient times but there is a well established time table schedule to be followed by students in contemporary times.