प्राचीन ववद्वान का कहना हैकक, ‘ववश्वासपात्र लमत्र से बड़ी रक्षा रहती है| जजसे ऐसा
लमत्र लमल जाए उसे समझना चादहए कक खजाना लमल गया|’ ववश्वासपात्र लमत्र जीवन की एक
औषधध के समान हैं| हमें अपने लमत्रों से यह आशा रखनी चादहए कक वे अच्छे कायय करने में
हमारा साथ िेंगे| हमें बुराइयों और ग़लततयााँकरने से बचाएाँगे यदि हम ककसी गलत रास्ते में
चलेंगे तो हमें रोकें गे और हमें सही मागय दिखाएाँगे| यदि हम तनराश हुए तो वे हमें उत्सादहत
करेंगे| अंत में हम कह सकते हैंकक एक अच्छा जीवन जीने में हमारी हर तरह से सहायता
करेंगे| सच्ची लमत्रता में अच्छे से अच्छे वैद्य के समान तनपुणता और परख होती है, एक मााँ
का- सा धैयय और कोमलता होती है| ऐसी ही लमत्रता करने का प्रयास प्रत्येक व्यजतत को करना
चादहए|
(i) ववद्वानों ने ववश्वासपात्र लमत्र की ववशेषता बताई हैं-
(क) रक्षक, ममताल।ू (ख) मूल्यवान, ववश्वासपात्र|
(ग) उपचारक, ममतालू| (घ) मागयिशयक, उपचारक |
(ii) तनराश मनुष्य की पहचान है-
(क) हतोत्सादहत होना | (ख) सिैव रोना |
(ग) गलततयााँकरना | (घ) िसू रों पर िोषारोपण |
(iii) अच्छा जीवन जीने का मूल मंत्र हैं-
(क) तनपुणता और परख| (ख) धैयय और कोमलता |
(ग) सही दिशा तनिेश| (घ) चतुराई |
(iv) जजसे सच्चा लमत्र लमल जाए, उसे समझना चादहए कक-
(क) सफलता लमल गई| (ख) माता-वपता जैसा साथ लमल गया|
(ग) खजाना लमल गया | (घ) जीवन का वैद्य लमल गया |
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