प्राचार्य में समास कोनसा है??
Answers
उत्तर-> “प्राचार्य” में कर्मधारय तत्पुरुष समास है जिसका विग्रह होगा “प्रधान है जो आचार्य” |
समास विग्रह
प्राचार्य “प्रधान है जो आचार्य”
कर्मधारय तत्पुरुष समास-> कर्मधारय तत्पुरुष का ही एक भेद है| इसमें उत्तरपद प्रधान होता है| जब पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य अथवा एक पद उपमान और दूसरा उपमेय हो तो तब कर्मधारय समास होता है | जैसे-
स्थान के अनुसार यथास्थान
नीलगाय नीली है जो गाय
महादेव महान है जो देव |
प्रश्न मे दिये गये शब्द ‘प्राचार्य’ का समास विग्रह इस प्रकार होगा..
प्राचार्य =प्रगतः आचार्य यानि बहुत विद्वान।
प्राचार्य में ‘तत्पुरुष पुरुष’ समास होगा।
यहां पर तत्पुरुष समास है, क्योंकि तत्पुरुष समास में द्वितीय पद प्रधान होता है। यहाँ पर द्वितीय पद प्रधान है। इस शब्द ‘प्राचार्य’ के समास विग्रह में द्वितीय पद प्रधान है।
Explanation:
दो या दो से अधिक पदों से मिलाकर बनाए गए नए पद को समास कहते हैं। इस समासीकरण में मूल शब्दों से बने नये शब्द का भिन्न अर्थ होता है। समास द्वारा बनाए गए शब्द को पुनः उसके मूल शब्दों के स्वरूप में लाने की प्रक्रिया को समास विग्रह कहते हैं।