Social Sciences, asked by faizanbhat2310, 1 year ago

प्राग की संधि पर टिप्पणी लिखिए।

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Answered by bhatiamona
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Answer:

प्रशा के शासक बिस्मार्क ने एक तरफ तो युद्ध की तैयारी शुरू कर दी थी तथा दूसरी तरफ उसने अपने ऐसे कूटनीतिक प्रयास आरंभ कर दिए। जिससे आस्ट्रिया को यूरोपियन राष्ट्र से किसी भी तरह की सहायता ना मिले। अंतर्राष्ट्रीय वातावरण भी उसके अनुकूल था। जब हॉल्स्टाइन में जर्मन लोग ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध आंदोलन कर रहे थे तो बिस्मार्क ने गुप्त रूप से उन लोगों का समर्थन किया।

दूसरी तरफ ऑस्ट्रिया हॉल्सटाइन में ड्यूक ऑफ ऑगस्टस वर्ग के पक्ष में चल रहे आंदोलन को प्रोत्साहित करता रहा। अततः इस मुद्दे पर ऑस्ट्रिया व दशा जुलाई 1866 ईस्वी में सेडोवा कोनिग्राज का निर्णायक युद्ध हुआ, जिसमें ऑस्ट्रिया बुरी तरह पराजित हुआ। ऑस्ट्रिया और प्रशा के मध्य 23 अगस्त 1866 को एक संधि हुई जिसे ‘प्राग की संधि’ कहते हैं। इस संधि के अंतर्गत हाल्स्टाइन को प्रशा में शामिल  कर लिया गया तथा प्रशा के नेतृत्व में उत्तरी जर्मन परिसंघ बनाया गया जिसमें ऑस्ट्रिया को शामिल नहीं किया गया।

Answered by seniorji310
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Answer:

बिस्मार्क ने एक ओर तो युद्ध की तैयारी शुरू कर दी तथा दूसरी ओर कूटनीति के माध्यम से आस्ट्रिया को यूरोपियन राष्ट्रों से सहायता न मिले इसके प्रयास भी शुरू कर दिए। इन कार्यों के लिए अभी अंतर्राष्ट्रीय वातावरण भी उसके अनुकूल था। जब हॉल्सटाइन में जर्मन लोग आस्ट्रिया के विरुद्ध आंदोलन कर रहे थे तो बिस्मार्क गुप्त रूप से उन्हें समर्थन दे रहा था। दूसरी ओर आस्ट्रिया हॉल्सटाइन में डयूक ऑफ आगस्टस वर्ग के पक्ष में चल रहे आंदोलन को प्रोत्साहित कर रहा था।

इस मुद्दे पर आस्ट्रिया व प्रशा में युद्ध प्रारंभ हो गया। लेकिन 3 जुलाई, 1866 ई० को सेडोवा कोनिग्राज का निर्णायक युद्ध हुआ, जिसमें आस्ट्रिया पूर्ण रूप से पराजित हुआ और आस्ट्रिया व प्रशा के मध्य 23 अगस्त, 1866 ई० को प्राग की संधि हुई। हॉल्सटाइन डची प्रशा में शामिल हो गया तथा प्रशा के नेतृत्व में उत्तरी

जर्मन परिसंघ बनाया गया, जिसमें आस्ट्रिया को शामिल नहीं किया गया।

प्रश्न 4.

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