वस्त्र उद्योग में औद्योगिक क्रांति के समय हुए परिवर्तनों को लिखिए।
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औद्योगिक क्रांति की शुरुआत ही वस्त्र उद्योग से हुई थी। 18 वीं शताब्दी के मध्य तक यूरोप में बनाने की प्राचीन प्रणाली प्रचलित थी। जो वस्तुओं की मांग को पूरा करने में असमर्थ रहती थी। इंग्लैंड में इससे पहले सूती वस्त्रों का आयात भारत से किया जाता था, लेकिन जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर अपना अधिपत्य और राजनीतिक नियंत्रण स्थापित कर लिया तब इंग्लैंड ने कपड़े के साथ साथ कपास का भी आयात करना शुरू कर दिया।
यूरोप में कपड़ों की मांग बढ़ती जा रही थी और इस मांग को पूरा करने के लिए नए नए वैज्ञानिक प्रयोग भी हो रहे थे और नए अविष्कारों का सृजन भी हो रहा था। सन 1733 ईस्वी में ‘जॉन के’ ने फ्लाइंग शटल लूम का आविष्कार किया और इसके कारण कम समय में ज्यादा और अधिक चौड़ा कपड़ा बनाना संभव हो गया। फिर 1765 में ‘जेम्स हरग्रीव्ज’ कताई की मशीन का आविष्कार किया, जिससे एक व्यक्ति एक साथ कई धागे कात सकता था। 1769 में ‘रिचर्ड आर्कराइट’ ने वाटर फ्रेम मशीन का आविष्कार किया, जिससे पहले की अपेक्षा मजबूत धागा तैयार किया जाने लगा।
1779 ईस्वी में ‘सैम्युअल क्रॉन्पटन’ द्वारा बनाई गई म्यूल मशीन द्वारा काता गया धागा बहुत मजबूत होता था। 1787 में ‘एडमंड कार्टराइट’ द्वारा पावर लूम करघे का आविष्कार किया गया।
इस तरह औद्योगिक क्रांति के समय अनेकों अविष्कार हुए और जिन्होंने तकनीकी क्षेत्र में क्रांति ला दी और कपड़े का औद्योगिक स्तर पर बड़ी मात्रा में उत्पादन करना संभव हो पाया।
Explanation:
यूरोप में बढ़ती कपड़ों की माँग को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र में नए आविष्कार किए गए। 1733 ई० में 'जॉन के' के द्वारा फ्लाईंग शटल लूम की खोज की गई, जिसकी सहायता से कम समय में अधिक चौड़ा कपड़ा बनाना संभव हो गया। =>जेम्स हरग्रीव्ज़ ने 1765 ई० में कताई की मशीन बनाई, जिससे एक व्यक्ति एक साथ कई धागे कात सकता था।