प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन−कौन से दृश्य झकझोर गए?
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लेखिका जब प्रकृति की अलौकिक छटा का आनंद ले रही थी तभी वहां के जन जीवन के दृश्य ने उसे झकझोर दिया। उसने देखा कि स्थानीय महिलाएँ अपने पीठ पर बच्चे लाद कर मार्ग करने के लिए पत्थर तोड़ रही थीं। उस प्राकृतिक सौंदर्य के बीच भूख, दैन्य और जिंदा रहने की लड़ाई को देखकर लेखिका का मन पसीज गया। बच्चे को पीठ पर लादे अपने काम में व्यस्त वे महिलाएँ दिखा रहीं थीं कि कैसे मातृत्व और श्रम को साथ-साथ निभाया जाता है। बच्चों को कई किलों मीटर पैदल चल कर स्कूल जाना पड़ता है | स्कूल के बाद घर का काम करना पड़ता है और लकड़ियाँ लानी पड़ती है | यह देख कर उसे झकझोर दिया।
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Explanation:
लेखिका जब प्रकृति की अलौकिक छटा का आनंद ले रही थी तभी एक दृश्य ने उसे झकझोर दिया। उसने देखा कि स्थानीय महिलाएँ अपने पीठ पर बच्चे लादे पत्थर तोड़ रही थीं। उस प्राकृतिक सौंदर्य के बीच भूख, दैन्य और जिंदा रहने की लड़ाई को देखकर लेखिका का मन पसीज गया। बच्चे को पीठ पर लादे अपने काम में व्यस्त वे महिलाएँ दिखा रहीं थीं कि कैसे मातृत्व और श्रम को साथ-साथ निभाया जाता है।