‘प्रेम या अहिंसा में ही भगवान है। इस कथन के पक्ष और विपक्ष में अपने विचार प्रकार
Answers
Answered by
41
‘प्रेम या अहिंसा में ही भगवान है। इस कथन के पक्ष और विपक्ष में अपने विचार प्रकार
इस कथन के पक्ष में विचार :
‘प्रेम या अहिंसा में ही भगवान है। यह सत्य है भगवान हम कण-कण में है | जिस जगह में व्यक्ति प्रेम और अहिंसा के साथ रहते है वहाँ पर भगवान निवास करते है | जहाँ खुशियाँ होती है वहाँ पर भगवान होते है | भगवान को पाने का एक मात्र रास्ता है , प्रेम और अहिंसा के साथ रहना | भगवान को पाने के लिए तरह-तरह के उपाय करना व्यर्थ है | भगवान मनुष्य के अंदर ही वास करते है |
इस कथन के विपक्ष में विचार :
इस कथन में मेरे विचार में जहाँ प्रेम और हिंसा होती है , वहाँ पर भगवान वास नहीं करते है | जहाँ पर लोग आपस में मिलकर नहीं रहते है , आपस में प्रेम भाव नहीं रखते है वहाँ पर भगवान नहीं होते है |
Answered by
1
Answer:
Hi Ian Varina from clss13456789
Similar questions