Hindi, asked by sittuu, 9 months ago

प्रेमचंद्र की पत्नी शिवरानी देवी पुस्तक कब प्रकाशित हुई शीर्षक प्रेमचंद्र घर मे ने

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Answered by Harddyharshvc
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शिवरानी देवी प्रेमचंद की दूसरी पत्नी थीं। वो बाल विधवा थीं। पहली पत्नी से प्रेमचंद के संबंध मधुर नहीं थे लेकिन शिवरानी देवी सही मायनों में जीवनसंगिनी थीं। 1944 में शिवरानी देवी ने प्रेमचंद से जुड़ी अपनी यादों को “प्रेमचंद घर में” नामक किताब में सहेजा।

Explanation:

धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिंदी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिंदी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिंदी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बंद करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबंध, साहित्य का उद्देश्य अंतिम व्याख्यान, कफन अंतिम कहानी, गोदान अंतिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अंतिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है। १९०६ से १९३६ के बीच लिखा गया प्रेमचंद का साहित्य इन तीस वर्षों का सामाजिक सांस्कृतिक दस्तावेज है। इसमें उस दौर के समाजसुधार आंदोलनों, स्वाधीनता संग्राम तथा प्रगतिवादी आंदोलनों के सामाजिक प्रभावों का स्पष्ट चित्रण है। उनमें दहेज, अनमेल विवाह, पराधीनता, लगान, छूआछूत, जाति भेद, विधवा विवाह, आधुनिकता, स्त्री-पुरुष समानता, आदि उस दौर की सभी प्रमुख समस्याओं का चित्रण मिलता है। आदर्शोन्मुख यथार्थवाद उनके साहित्य की मुख्य विशेषता है। हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में १९१८ से १९३६ तक के कालखंड को 'प्रेमचंद युग' कहा जाता है।

प्रेमचंद (धनपत राय श्रीवास्तव)

जन्म

31 जुलाई, 1880

लमही, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत

मृत्यु

8 अक्टूबर, 1936

वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत

व्यवसाय

अध्यापक, लेखक, पत्रकार

राष्ट्रीयता

भारतीय

अवधि/काल

आधुनिक काल

विधा

कहानी और उपन्यास

विषय

सामाजिक और कृषक-जीवन

साहित्यिक आन्दोलन

आदर्शोन्मुख यथार्थवाद (आदर्शवाद व यथार्थवाद)

,अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ

उल्लेखनीय कार्य

गोदान, कर्मभूमि, रंगभूमि, सेवासदन, निर्मला और मानसरोवर

हस्ताक्षर

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