Hindi, asked by anilagrawal111978, 3 months ago

प्र. निम्नलिखित काव्यांश से प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव।
जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार।
पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।
जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।।।
क. कवयित्री के हृदय में बार-बार हूक क्यों उत्पन्न होती है ?​

Answers

Answered by krishanmajra1994
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Explanation:

कवयित्री के हृदय में बार-बार हूक इसीलिए उत्पन्न हो रही है क्योंकि जीवन भर साधना करने के बाद भी अंतिम समय में उसका मिलन परमात्मा से नहीं हो पा रहा है आगे वह बताती है कि जिस प्रकार मिट्टी के कच्चे बर्तन में से पानी निकल जाता है उसी प्रकार मेरे जीवन भी समाप्त होता जा रहा है ।

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