प्राणी हमसे कहते हैं जियो और जीने दो इस विषय पर अपने विचार लिखिए। Please give fast because it is urgent
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Answer:
वनों को काटकर मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है। बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण करने के लिए आज वनों की कटाई हो रही है। अत: कुछ प्राणी अपनी भूख मिटाने के लिए शहरों की ओर बढ़ने लगते हैं। इन सबका कारण वनों का नाश ही है, इसलिए प्राणी हमसे कह रहे हैं कि आप अपने घर में रहो और हमें हमारे घरों में रहने दो।
Explanation:
इस खूबसूरत धरती के कर्ती एवं धर्ता ईश्वर है। ईश्वर ने ही हम सभी मानव को बनाया है। उन्होंने हमें जुंबा दिया। मस्तिष्क दिया। हाथ पांव सब कुछ दिया। ईश्वर के सबसे अनोखे निर्माण है हम |
• इसलिए हम सभी मानव का कर्त्तव्य बनता है कि हम इस धरती के सभी जीवों के साथ रहे । उनको हर परिस्थिति से बचाएं।
मगर हम अक्सर उल्टा ही कर रहे हैं। हम प्राणियों को बचाने के स्थान पर हम उन पर अत्याचार करते हैं । उनको बंदी बनाते हैं। यह गलत है।
पक्षियों को घर में कैद करना बहुत गलत है। पक्षियों के पास पंख है ऊंची उड़ान भरने के लिए मगर कैद होने पर वह दुखी हो जाती है।
हर प्राणी जिन पर मनुष्य अत्याचार करते हैं। वह मन ही मन हमसे कहते हैं कि हे! मानवहम पर अत्याचार मत करो। तुम जैसे स्वचछंद होकर जी रहे हो। वैसे ही मुझे भी जीने दो।