Accountancy, asked by PragyaTbia, 1 year ago

प्राप्ति एवं भुगतान खाते का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

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Answered by kaushalinspire
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यह एक लेखा वर्ष के अंत में रोकड़ प्राप्तियों तथा नकद भुगतानों को रोकड़ बही में प्रलेखन के आधार पर तैयार किया जाता है। सरल रूप से यह रोकड़ तथा बैंक लेनदेन के विभिन्न शीर्षकों का सारांश होता है। उदाहरण के लिए भिन्न-भिन्न तिथियों को सदस्यों से प्राप्त किया गया चंदा, जो कि रोकड़ पुस्तक में नाम पक्ष की ओर दर्शाया जाता है, को प्राप्ति एवं भुगतान खाते में एक मद के रूप में इसकी कुल राशि से प्राप्ति पक्ष में दर्शाया जाएगा। इसी प्रकार वेतन, किराया, बिजली का बिल भुगतान के जो कि समय-समय पर किए जाते हैं, को रोकड़ बही में जमा पक्ष की ओर प्रलेखित किया जाता है परंतु कुल भुगतान वेतन, कुल भुगतान किराया तथा कुल भुगतान विद्युत प्रभार, जो एक वर्ष के दौरान भुगतान किए गए हैं, को प्राप्ति एवं भुगतान खाते के भुगतान पक्ष की ओर प्रकट किया जाएगा। इसलिए प्राप्ति एवं भुगतान खाता विभिन्न प्राप्तियों एवं भुगतानों चाहे वह चालू अवधि से संबंधित हों या धुर्व अवधि या आगामी अवधि से संबंधित पूँजीगत या आयगत प्रकृति के हों, को सारांश के रूप में प्रस्तुत करता है।

यह सूचित किया जा सकता है कि यह खाता कोई गैर-मद, जैसे ह्रास की राशि को नहीं दर्शाता है। प्राप्ति एवं भुगतान खाते का प्रारंभिक शेष, हस्तस्थ रोकड़/बैंकस्थ रोकड़ को प्रदर्शित करता है, जो कि इसके प्राप्ति पक्ष की ओर दर्शाया गया है तथा अंतिम शेष, वर्ष के अंत में हस्तस्थ रोकड़ तथा बैंकस्थ रोकड़ के शेष को दर्शाता है जो कि प्राप्ति एवं भुगतान खाते के जमा पक्ष की ओर दर्शायी गई हैं।

Answered by poonambhatt213
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प्राप्ति एवं भुगतान खाता रोकड़ बही का सारांश होता है । सभी नकद प्राप्तियां प्राप्तियों की ओर (यानी डेबिट साइड) पर दर्ज की जाती हैं और सभी नकद भुगतान प्राप्तियों और भुगतान खाते के भुगतान पक्ष (यानी क्रेडिट साइड) पर दर्ज किए जाते हैं । यह कैश बुक में दर्ज नकदी और बैंक लेनदेन के आधार पर तैयार किया जाता है । यह नकदी और बैंक के उद्घाटन संतुलन के साथ शुरू होता है और लेखा अवधि के अंत में नकदी और बैंक (संतुलन आंकड़ा) के समापन शेष राशि के साथ समाप्त होता है । यह पूंजी और राजस्व दोनों प्रकृति के सभी नकदी और बैंक लेनदेन रिकॉर्ड करता है । यह न केवल वर्तमान लेखांकन अवधि से संबंधित नकदी और बैंक लेनदेन को रिकॉर्ड करता है, बल्कि वर्तमान लेखांकन अवधि के दौरान प्राप्त नकदी और बैंक प्राप्तियों (या भुगतान) को भी रिकार्ड कर सकता है जो पिछले या अगले लेखांकन अवधि से संबंधित हो सकते हैं ।इस खाते में केवल हमें नकदी और बैंक के समापन संतुलन का पता लगाने में मदद करता है और एक एनपीओ की नकदी की स्थिति का आकलन करने में मदद करता है ।

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