Accountancy, asked by PragyaTbia, 1 year ago

प्राप्ति एवं भुगतान खाता क्या है? यह आय और व्यय खाते से किस प्रकार भिन्न है?

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Answered by shishir303
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प्राप्ति एवं भुगतान खाता एक लेखा वर्ष के अंत में नकद प्राप्तियों एवं नकद भुगतानों सारांश होता है। इसमें केवल नकद लेने-देन का विवरण दर्ज किया जाता है। आय या व्यय का वो हिस्सा जो इस वर्ष नकद प्राप्त किया गया है या उसका भुगतान किया गया है उसको प्राप्ति एवं भुगतान खाते में दर्ज किया जाता है। इसमें पूंजीगत और राजस्व दोनों तरह के लेन-देन का विवरण दर्ज किया जाता है। यह खाता पिछला,  वर्तमान और भविष्य से संबंधित लेनदेन के विवरण को दर्ज करता है। इसलिए,  इसमें पूर्व-प्राप्त या अर्जित आय और पूर्व-भुगतान या बकाया खर्चों के लिए कोई समायोजन नहीं किया जाता है। यह नकदी के आधार पर तैयार किया जाता है। इसका शेष अगले वर्ष के प्राप्तियों और भुगतान खाते में ले जाया जाता है। इसका बैलेंस कभी क्रेडिट नहीं हो सकता। यह खाता पहले वर्ष को छोड़कर शुरुआती शेष राशि दिखाता है। इस खाते का समापन शेष पहले वर्ष में प्रदर्शित होता है।

आय एवं व्यय खाता एक लेखा वर्ष की राजस्व आय और राजस्व व्यय का खाता होता है। यह केवल नकद लेन-देन तक ही सीमित नहीं है, यानी गैर-नकद लेनदेन भी इसमें शामिल हैं। आय या व्यय की पूरी राशि वो चाहे नकद रूप में प्राप्त की गई हो या भुगतान की गई हो या या किसी अन्य रूप में प्राप्त की गयी हो या उसका भुगतान किया गया हो उसका विवरण इसमें दर्ज होता है। यहां केवल राजस्व लेन-देन का विवरण दर्ज होता है। इसका बैलेंस डेबिट भी हो सकता है और क्रेडिट भी हो सकता है। इसके बैलेंस को कैपिटल फंड में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसकी समापन बैलेंस में अगर क्रेडिट बैलेंस है तो वो लाभ को दर्शाता है और अगर समापन बैलेंस में डेबिट बैलेंस है तो वो हानि को दर्शाता है। इसमें केवल चालू वर्ष से संबंधित लेन-देन दर्ज होते हैं, इसलिए इसमें पूर्व प्राप्त या अर्जित आय और पूर्व-भुगतान या बकाया खर्चों के लिए हमेशा समायोजन किया जाता है। इसमें कोई शुरूआती बैलेंस नही होता है।

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