Hindi, asked by shuklakrishna46, 7 hours ago

प्र. पटवारी भी अपनी नौकरी छोड़कर नमक का दारोगा क्यों बनना चाहते थे?​

Answers

Answered by nihasrajgone2005
2

Answer:

“नमक का दरोगा” पाठ का सार

“नमक का दरोगा” कहानी ‘प्रेमचंद’ की बहुचर्चित कहानियों में से एक है। यह एक आदर्श वादी, यथार्थवादी रचना है। कहानी में पंडित अलोपीदीन धन की ताकत का प्रतिनिधित्व करने वाला पात्र है, जबकि कर्म योगी मुंशी वंशीधर धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाला पात्र है। कहानी का सार इस प्रकार से है

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Explanation:

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Answered by aakashmutum
4

“नमक का दरोगा” पाठ का सार

“नमक का दरोगा” कहानी ‘प्रेमचंद’ की बहुचर्चित कहानियों में से एक है। यह एक आदर्श वादी, यथार्थवादी रचना है। कहानी में पंडित अलोपीदीन धन की ताकत का प्रतिनिधित्व करने वाला पात्र है, जबकि कर्म योगी मुंशी वंशीधर धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाला पात्र है। कहानी का सार इस प्रकार से है

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