पुरःस्थ ग्रंथि के कार्यों का उल्लेख करें?
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जो लिंग और मूत्राशय के बीच पाए जाते हैं
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पुरःस्थ ग्रंथि के कार्यों का उल्लेख निम्न प्रकार से किया गया है।
- पुरःस्थ ग्रंथि केवल पुरुषों में पाई जाने वाली ग्रंथि होती है। ये ग्रंथि लिंग तथा मूत्राशय के बीच पाई जाती है।
- पुरःस्थ ग्रंथि शाहबलूत के आकार की ग्रंथि होती है।
- पुरःस्थ ग्रंथि के कार्य : यह ग्रंथियां एक प्रकार स्राव करती है जो शुक्राणुओं को पोषण प्रदान करता है।
- इन्हे प्रोस्ट्रेट ग्रंथि भी कहा जाता है
- पुरःस्थ ग्रंथि की मांसपेशियां वीर्य को स्खलन के दौरान मूत्रमार्ग में धकेलने में मदद करती है।
- पुरःस्थ ग्रंथियां संख्या में 30 से 50 होती है। जिसके बीच में प्रचुर मात्रा में उत्तक होते है जिनमे चिकनी पेशी के अनेक बंडल होते है।
- प्रोस्ट्रेट ग्रंथि का स्राव एक दूधिया रंग का तरल पदार्थ है जो वीर्य के स्खलन के समय मूत्रमार्ग में छोड़ा जाता है।
- पुरुषों के पेल्विक हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए वीरासन किया जाता है। इससे प्रोस्टेट ग्रंथि स्वस्थ रहती है तथा इससे जुड़ी बीमारियों का खतरा कम रहता है।
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