प्र. समुचितं सन्धिपदं चित्वा लिखत
(i) सत् + जन: - सज्जनः / सत्जन: ....
ii) तत् + श्रुत्वा-तच्श्रुत्वा / तच्छ्रुत्वा ...
iii) विद्वान् + लिखति — विद्वांल्लिखति / विद्वाँल्लिखति
iv) सम् + कल्प: सम्कल्प: / सङ्कल्प: ....
v) उत् + लेख: —उल्लेख: / उच्लेख: ..............
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Answer:
1 ka 1 ..
2 ka 1 ..
3 ka 2..
4 ka 2..
5 ka 1...
may be kuch wrong ho sakta hai... so sorry for that....
(i) सत् + जन: - सज्जनः / सत्जन:
उत्तर : सज्जनः
ii) तत् + श्रुत्वा-तच्श्रुत्वा / तच्छ्रुत्वा
उत्तर : तच्छ्रुत्वा
iii) विद्वान् + लिखति — विद्वांल्लिखति / विद्वाँल्लिखति
उत्तर : विद्वाँल्लिखति
iv) सम् + कल्प: सम्कल्प: / सङ्कल्प: ....
उत्तर : सङ्कल्प:
v) उत् + लेख: —उल्लेख: / उच्लेख: ..............
उत्तर : उल्लेख:
कुछ अतिरिक्त जानकारी :
सन्धि :
दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही सन्धि कही जाती है।
जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि सन्धि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन सन्धि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग सन्धि बनती है ।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
(क) अधोलिखितपदेषु सन्धिं कुरुत-
(क) द्वयोः + अपि
(ख) द्वौ + अपि
(ग) क: + अत्र
(घ) अनभिज्ञः + अहम्
(ङ) इति + आत्मानम्
https://brainly.in/question/15082609
अधोलिखितेषु यथापेक्षितं सन्धिं/विच्छेदं कुरुत-
(क)
अद्य
+
अपि
=
---------------------।
(ख)
---------------------
+
---------------------
=
स्मरणार्थम्।
(ग)
इति
+
अस्मिन्
=
---------------------।
https://brainly.in/question/3334338