प्रातः काल की सैर पर निबंध
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प्रात काल का समय सबसे शांत , निर्मल और सुहावना होता है। इस वक्त खुली और ताज़ी हवा होती है जिससे हमारे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। पूरा वातावरण शांत दिखाई देता है जिससे हमें ख़ुशी और शांति मिलती है।
प्रात काल में हल्का हल्का टहलने से भी मन को ख़ुशी मिलती है। सुबह के समय घूमना-फिरना एक ऐसा व्यायाम है जिसके हमारे शरीर को बहुत सारे फायदे मिलते हैं जैसे सुबह की सैर करने से हमारा दिमाग तरोताजा हो जाता है इससे हमें दिनभर काम करने की शक्ति मिलती है और हम कई बिमारियों से बचे रहते हैं।
सुबह की सैर पर जाते समय हमेशा खुले कपड़े ही पहनकर जाना चाहिए हमें दौड़ने की वजाय तेज़ चलने की आदत डालनी चाहिए चलते चलते गहरी और लम्बी सांस लेते रहने चाहिए इसके इलावा हरे घास पर नंगे पांव चलना चाहिए। कुदरत के सुंदर दृश्यों को देखें सैर करते समय किसी भी तरह की चिंता नहीं करनी चाहिए प्रात काल सभी के लिए संजीवनी का काम करती है।
प्रात काल सैर करने से मनुष्य की उम्र भी लम्बी होती है जो लोग इस सैर का आनंद नहीं उठाते हैं वे खुद अपने शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं ऐसा आपने जरूर सुना होगा जल्दी उठाना और जल्दी सोने से स्वास्थ्य , बुद्धिमता और धन में कोई कमी नहीं आती।
प्रात काल की सैर हमें कुदरत के सुंदर रूप के दर्शन करवाती है विद्यार्थी जीवन में तो इस सैर की विशेष महत्ता है क्योंकि इससे मस्तिष्क ताज़ा हो जाता है रोजाना सैर पर जाने से छात्र को पाठ बहुत जल्दी याद हो जाते हैं और इसके साथ ही शारीरक और मानसिक दोनों प्रकार के फायदे मिलते हैं।
प्रात काल की सैर हर उम्र के लिए फायदेमंद होती है फिर चाहे वो इस्त्री हो जा फिर पुरुष आज जिस प्रकार से लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है इससे बचने के लिए यह सबसे उच्चतम उपाय है
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