Chemistry, asked by Shashidharreddy1259, 11 months ago

प्रोटीन के संदर्भ में निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए-
(i) पेप्टाइड बंध (ii) प्राथमिक संरचना (iii) विकृतीकरण

Answers

Answered by abdulkabeer0911
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Explanation:

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  • A peptide bond is a chemical bond formed between two molecules when the carboxyl group of one molecule reacts with the amino group of the other molecule, releasing a molecule of water (H2O). ... The four-atom functional group -C(=O)NH- is called an amide group or (in the context of proteins) a peptide group.
  • By definition, the primary structure of a protein is the linear sequence of amino acids. Together, this linear sequence is referred to as a polypeptide chain. The amino acids in the primary structure are held together by covalent bonds, which are made during the process of protein synthesis (translation).
  • Noun. bond distortion (plural bond distortions) (chemistry) Any change in the lengths of chemical bonds, and in the angles between them, caused by steric hindrance and similar forces.

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Answered by Dhruv4886
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प्रोटीन के सन्दर्भ में परिभाषाए निम्न प्रकार से है :-

• (1) पेप्टाइड बंध :- रासायनिक तरीकेसे ये आबंध,

-COOH समूह तथा -NH2, समूह के मध्य बना हुआ होता है| दो एक समान या फिर अलग-अलग एमिनो अम्लों के अणुओं के मध्य अभिक्रिया एक अणु के ऐमीनो समूह तथा दूसरे अणु के कार्बोक्सिल समूह के मध्य संयोग से होती है जिसके फल स्वरूप एक जल का अणु मुक्त होता है तथा पेप्टाइड आबन्ध -CO-NH- बनता है। यहाँ उत्पाद 2 एमिनो अम्लों के द्वारा बनता है इस कारण इसे डाइपेप्टाइड कहते हैं।

• उदाहरण :- जब ग्लाइसीन का कार्बोक्सिल समूह, ऐलेनीन के ऐमीनो समूह के साथ रासायनिक क्रिया करता है तो हमें एक डाइपेप्टाइड, ग्लाइसिलऐलैनीन प्राप्त होता है।

• (2). प्राथमिक संरचना :- प्रोटीन में एक अथवा अनेक पॉलिपेप्टाइड श्रृंखलाएँ मौजूद हो सकती हैं। किसी प्रोटीन के प्रत्येक पॉलिपेप्टाइड में ऐमीनो अम्ल एक विशिष्ट क्रम में संयुक्त होते हैं। ऐमीनो अम्लों का यह विशिष्ट क्रम प्रोटीन्स की प्राथमिक संरचना बनाता है। प्राथमिक संरचना में किसी भी प्रकार का परिवर्तन अर्थात् ऐमीनो अम्लों के क्रम में परिवर्तन से भिन्न प्रोटीन उत्पन्न होती हैं।

• (3). विकृतिकरण :- जैविक निकाय में पायी जाने वाली विशेष त्रिविम संरचना तथा जैविक सक्रियता वाली प्रोटीन, प्राकृत प्रोटीन कहलाती हैं। जब प्राकृत प्रोटीन में भौतिक परिवर्तन जैसे ताप में परिवर्तन अथवा रासायनिक परिवर्तन करते हैं (जैसे-pH में परिवर्तन आदि) तो हाइड्रोजन आबन्धों में असमानता उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण गोलिका (ग्लोब्यूल) खुल जाती है तथा हेलिक्स अकुण्डलित हो जाती है तथा प्रोटीन अपनी जैविक सक्रियता को खो देती है। इसे प्रोटीन का विकृतीकरण कहते हैं। विकृतीकरण के दौरान 2° तथा 3° संरचनाएँ नष्ट हो जाती हैं, परन्तु 1° संरचना अप्रभावित रहती है।

• उदाहरण :- उबालने पर अण्डे की सफेदी का स्कन्दन विकृतीकरण का एक सामान्य उदाहरण है।

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