प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीनों की पहचान की विधि का वर्णन कीजिए। इन अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
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प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीनों की पहचान की विधि ...
बेन्जीन सल्फोनिल क्लोराइड (C6H5SO4Cl), जिसे हिन्सबर्ग अभिकर्मक ...
प्राथमिक , द्वितीयक एवं तृतीयक एमीनों की पहचान हिंसबर्ग परीक्षण द्वारा किया जा सकता है। बेंजीन सल्फोनिल क्लोराइड ( C₆H₅SO₂Cl) को हिंसबर्ग अभिकर्मक कहते हैं।
इन अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण निम्नलिखित हैं।
•प्राथमिक एमीन हिंसबर्ग अभिकर्मक से अभिक्रिया कर N -एथिलबेंजीन सल्फोनेमाइड देता है।
•(i) C₂H₅NH₂+ C₆H₅SO₂Cl → C₆H₅SO₂C₂H₅NH +
HCl ( क्षार में विलय )
द्वितीयक एमिन हिंसबर्ग अभिकरमक से प्रक्रिया कर
N,N-डायएथिलबेंजीन सल्फोनामाइड देती है। इसमें हाइड्रोजन के स्थान पर नाइट्रोजन से जुड़ी होती है।इस कारण यह अम्लीय नहीं होती एवं क्षार अविलेय होती है।
•( C₂H₅)₂NH + C₆H₅SOCl→ C₆H₅SO₂(C₂H₅)₂N + HCl
( क्षार में अविलेय)
•तृतीयक एमीन हिंसबर्ग अभिकर्मक से कोई अभिक्रिया नही करती।
(iii) ( C₂H₅)₃N + C₆H₅SO₂Cl→ कोई अभिक्रिया नही।