प्राथमिक उपचार के नियम bhi batao na
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चिन्ह, लक्षण या वृत्तांत, अर्थात् घायल के शरीरगत चिन्ह, जैसे सूजन, कुरूपता, रक्तसंचय इतयादि प्राथमिक उपचारक को अपनी ज्ञानेंद्रियों से पहचानना तथा लक्षण, जैसे पीड़ा, जड़ता, घुमरी, प्यास इत्यादि, पर ध्यान देना चाहिए। यदि घायल व्यक्ति होश में हो तो रोग का और वृत्तांत उससे, या आसपास के लोगों से, पूछना चाहिए।
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