प्र0 2 नीचे दिए गए पदयांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के सही विकल्प चुनिए।
इसे हम पूजते आए युगों से
और सुनते भी युगों से आ रहे उत्तर नदी का
मुझे कोई कभी आया नहीं था राह दिखलाने
बनाया मार्ग मैंने आप ही अपना
ढकेला था शिलाओं को,
गिरि निर्भीकता से मैं कई ऊँचे प्रपोता से,
वनों से कन्दराओं में
भटकती- भूलती मैं
फूलती उत्साह से प्रत्येक बाधा - विघ्न को
ठोकर लगाकर - ठेलकर,
बढ़ती गई आगे निरंतर
एक तट को दूसरे से दूरतर करती।
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1-use rasta kisane dikhaya 2-swam nadi ne 3-sabhi se 4-tatni 5-bhaavvachak sangya
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