Geography, asked by seetasharnsahu0, 3 months ago

प्र014
भारतीय चिकित्सा विज्ञान का ' स्वर्णयुग ' किसे कहा जाता है और क्यों ? लिरि
निम्नलिखित शब्दों का समास.विग्रह कर, समास का नाम लिखिए।
(1) भरसक
(2) बाललीला
(3) चिन्तामुक्त​

Answers

Answered by shivamchaudhary21
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Answer:

इतिहास के दो चरणों को वास्तव में ‘भारत का स्वर्ण युग ‘ के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, क्योंकि उस समय देश में शांति, विकास और समृद्धि थी। गुप्त साम्राज्य के समय प्राचीन भारत की तीसरी शताब्दी और 6 वीं शताब्दी सीई के मध्य का भारत का स्वर्ण युग था और दूसरा दक्षिण भारत में चोल वंश के समय के मध्ययुगीन भारत की 10 वीं और 11 वीं शताब्दी सीई के मध्य का युग भारत का स्वर्ण युग था। भारत में गुप्त साम्राज्य के शासन के समय गणित, विज्ञान, खगोल विज्ञान और धर्म आदि जैसे कई क्षेत्रों का विकास हुआ जबकि चोल वंश के समय वास्तुकला, तमिल साहित्य और काँस्य जैसे कार्यों में भी बहुत विकास हुआ था।

गुप्त काल को महाराजा श्री-गुप्त ने स्थापित किया और लगभग पूरे देश पर शासन भी किया था। गुप्त युग के समय में ही दशमलव प्रणाली, शून्य और शतरंज की अवधारणा अस्तित्व में आई थी। इस स्वर्ण युग के समय कई प्रसिद्ध विद्वानों जैसे आर्यभट्ट, कालिदास और वारहमिहिर ने कई क्षेत्रों में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया था। इस युग के गुप्त दार्शनिकों ने यह भी पता लगाया था कि पृथ्वी चपटी नहीं बल्कि गोल है और यह अपनी धुरी पर स्वयं घूर्णन करती है जिसके फलस्वरूप चंद्र ग्रहण होता है। इस युग में ही गुरुत्वाकर्षण, ग्रहों और सौर मंडल के बारे में खोज की गई थी। इस युग में न केवल विज्ञान का बल्कि साहित्य का भी विकास हुआ, गुप्त साम्राज्य के समय में प्रसिद्ध पंचतंत्र की कहानियाँ, अत्यंत लोकप्रिय कामसूत्र, रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को भी लिखा गया था। गुप्त साम्राज्य के शासकों द्वारा शांति और समृद्धि के कारण ही भारत के इन सभी वैज्ञानिकों और कलाकारों ने विकास का प्रदर्शन किया था।

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