प्र019 - निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश की व्याख्या संदर्भ, प्रसंग एवं विशेष सहित लिखिए - अंक 04
इतिहास साक्षी है, बहुत बार अकेले चने ने ही भाड़ फोड़ा है; और ऐसा फोड़ा है कि भाड़ में खिल-खिल
ही नहीं हो गया, उसका निशान तक ऐसा छूमन्तर हुआ कि कोई यह भी न जान पाया कि वह बेचारा
आखिर था कहाँ?
अथवा
गेहूँ की दुनियाँ खत्म होने जा रही है - वह स्थूल दुनिया, जो आर्थिक ओर राजनीतिक रूप से हम सब
पर छा
Answers
Answered by
4
Explanation:
गेहूं खत्म होता जाए धीरे-धीरे की होगी फसलें भी किसान काम कर रहे हैं जिसके पैसे खाने में भी हो रही रोटियां कैसे बनती है थोड़ा और भाड़ में भी चल जाए उनका निशांत आगे से छूमंतर पड़ेगा फिर क्या होगा यह समझ में नहीं आ रहा
Similar questions
Social Sciences,
2 months ago
Computer Science,
5 months ago
Math,
5 months ago
Biology,
10 months ago
Chemistry,
10 months ago