Hindi, asked by yadavankita5456, 1 year ago

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी संदर्भ प्रसंग

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Answered by ARPzh
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" लेखक हैं सुर दस जी और गायक है अनूप जलोटा जी"

...भगवान श्री कृष्णा कन्हैया जी जो कि श्री विष्णु की रूप है.......
.... उनसे उनका एक भक्त उन से यह बिनय करता है कि
  :::: हे भगवान, तुम चन्दन जैसे बहु मूल्यवान, खुशबूदार , सब के प्रिय हो |  हम लोग पानी जैसे हैं| हम अपने आपको  तुमसे मिलाकर, अंग अंग में जैसे चन्दन बदन पर अलगाते हैं, वैसे तुमको ही बसाकर जीते हैं |  पूरा बदन तेरे ही नाम से पुलकित होता है | 

  हे भगवान्, तुम एक घने जंगल  हो, जिसमें हम मोर की तरह आनंद से घुमते हैं| और अपने मन में तेरे ही इंतजार करते हुए, जैसे चकोर पक्षी चाँद का इंतज़ार करती है और उसे ही देखती है | 
 
   हे भगवान तुम दीप, कांति हो | तुम ज्योति बन कर दिन रत हमें रास्ता दिखाते हो|

   तुम प्रकाश करती हुई मोती हो | हम धागा हैं | मोती जैसे तुम मिले तो हम धागे में डाल कर अपने पास रखते हैं| और खुश होते हैं| जैसे कि एक सोनार को सोना मिले तो वो एक हार बनाकर खुश होता है| 

  हे भगवान तुम  हमारे मालिक और स्वामी हो | हम तेरे दास हैं |  तेरी भक्ती में मैं मग्न हूँ |  मैं तुम्हारी भक्ती में यह कहता हूँ | 

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