Hindi, asked by bhupendrakumar27, 9 months ago

प्रचीन काल से वर्तमान समय तक वृद्धों के प्रति परिवार के लोगों का व्यवहार बदला है इस विषय पर टिप्पणी कीजिए​

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Answered by manishanavariya
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Answer:

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Explanation:

भारतीय समाज में बुजुर्गों का हमेशा एक सम्मानीय स्थान रहा है. एक मार्गदर्शक और पारिवारिक मुखिया होने के नाते जो सम्मान बुजुर्गों को मिलता था, उसमे धीरे धीरे कमी आ रही है. उनके अनुभव को अमूल्य पूंजी समझने वाला समाज अब इनके प्रति बुरा बर्ताव भी करने लगा है. हेल्पेज इंडिया के एक सर्वे में इसी तरह की बातें सामने आयीं हैं.

बुजुर्गों की शिकायत

इस साल के 'वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे' के अवसर पर हेल्पेज इंडिया ने बुजुर्गों की स्थिति पर एक सर्वे किया है, जिससे पता चलता है कि भारत में भी बुजर्गों के साथ बहुत शर्मनाक व्यवहार होने लगा है. खुद बुजुर्गों ने उपेक्षा और बुरे व्यवहार की शिकायत की है. यह अध्ययन देश के 19 छोटे बड़े शहरों में साढ़े चार हजार से अधिक बुजुर्गों पर किया गया है.

जिन बुजुर्गों को सर्वे में शामिल किया गया, उनमें से 44 फीसदी लोगों का कहना था कि सार्वजनिक स्थानों पर उनके साथ बहुत गलत व्यवहार किया जाता है. बेंगलूरू, हैदराबाद, भुवनेश्वर, मुंबई और चेन्नई ऐसे शहर पाये गये, जहां सार्वजनिक स्थानों पर बुजुर्गों से सबसे बुरा बर्ताव होता है. सर्वे में शामिल बेंगलूरू के 70 फीसदी बुजर्गों ने बताया कि उनको सार्वजनिक स्थान पर बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ता है. हैदराबाद में यह आंकड़ा 60 फीसदी, गुवाहाटी में 59 फीसदी और कोलकाता में 52 फीसदी है. बुजुर्गों के सम्मान के मामले में दिल्ली सबसे आगे दिखी, जहां सिर्फ 23 फीसदी बुजुर्गों को सार्वजनिक स्थान पर बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ता है.

भेदभाव के शिकार

तिरस्कार, वित्तीय परेशानी के आलावा बुजुर्गों को मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. सर्वे में शामिल 53 फीसदी बुजुर्गों का मानना है कि समाज उनके साथ भेदभाव करता है. अस्पताल, बस अड्डों, बसों, बिल भरने के दौरान और बाजार में भी बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के मामले सामने आते हैं. खासतौर पर अस्पतालों में बुजुर्गों को भेदभाव या बुरे बर्ताव का अधिक सामना करना पड़ता है.

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