प्रगामी व अप्रगामी अंतर
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प्रगामी तथा अप्रगामी तरंगों अंतर इस प्रकार है ,
प्रगामी तरंगें - वे तरंगें जो माध्यम के एक बिन्दु से दूसरे बिंदु तक गमन कर सकती हैं, उन्हें प्रगामी तरंगें कहते हैं। वह द्रव्य माध्यम जिसमें तरंग संचरित होती है, वह स्वयं गति नहीं करता है बल्कि विक्षोभ या ऊर्जा ही आगे बढ़ती है। प्रगामी तरंग में भी विक्षोभ या ऊर्जा का ही संचरण होता है।
अप्रगामी तरंगें - जब विपरीत दिशाओं में गति करती हुई दो सर्वसम तरंगों का व्यतिकरण होता है तो एक अपरिवर्ती तरंग पैटर्न बन जाता है, जिसे अप्रगामी तरंगें कहते हैं। अप्रगामी तरंग में तरंग या ऊर्जा किसी भी दिशा में आगे नहीं बढ़ती है अपितु माध्यम की निश्चित सीमाओं के मध्य सीमित हो जाती है। इसीलिए इन तरंगों को अ-प्रगामी (अर्थात आगे नहीं बढ़ने वाली) कहते हैं।
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