.. प्रकृति का संतुलन कैसे बिगड़ गया है? मनुष्य इसमें कहाँ तक दोषी है?
Answers
Answered by
4
Explanation:
प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने से अनेकों प्राकृतिक आपदा मनुष्य के जीवन को कठिन बना देती है। उन्होंने इस अवसर पर सभी से अधिक से अधिक पेड़ लगाने तथा एक जिम्मेदार नागरिक के रुप में पर्यावरण के प्रति अपने दायित्वों को दिन प्रतिदिन निभाने तथा एनटीपीसी रिहन्द को हरा भरा रखने पर बल दिया।
Similar questions