Hindi, asked by vnpandy941557, 10 months ago

प्रकृत के ऊपर 10 लाइन वाली कविता​

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Answered by khushi02022010
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Answer:

हे भगवान् तेरी बनाई यह धरती , कितनी ही सुन्दर

नए – नए और तरह – तरह के

एक नही कितने ही अनेक रंग !

कोई गुलाबी कहता ,

तो कोई बैंगनी , तो कोई लाल

तपती गर्मी मैं

हे भगवान् , तुम्हारा चन्दन जैसे व्रिक्स

सीतल हवा बहाते

खुशी के त्यौहार पर

पूजा के वक़्त पर

हे भगवान् , तुम्हारा पीपल ही

तुम्हारा रूप बनता

तुम्हारे ही रंगो भरे पंछी

नील अम्बर को सुनेहरा बनाते

तेरे चौपाये किसान के साथी बनते

हे भगवान् तुम्हारी यह धरी बड़ी ही मीठी

Answered by vkpathak2671
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Answer:

काँप उठी…..धरती माता की कोख !! (डी. के. निवातियाँ). कलयुग में अपराध का. बढ़ा अब इतना प्रकोप.

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