Hindi, asked by tomarlalit6248, 11 months ago

प्रकृति में आए असंतुलन के कारण और उनके परिणामों के विषय में 'अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले' पाठ के आधार पर लिखिए I

Answers

Answered by PravinRatta
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प्रकृति में आए असंतुलन का कारण हम भले ही दूसरे को बता के खुद को बचाना चाहें लेकिन इस असंतुलन के कारण हम स्वयं हैं।

हमारी जो गतिविधियां हैं वह उसके लिए जिम्मेदार है। जो भी लोग इस प्रकृति में रह रहे हैं वहीं इसका शोषण कर रहे हैं। अपनी सुख सुविधाओं के लिए हम प्रकृति का दोहन कर रहे हैं।

हम लगातर पेड़ों की कटाई किए जा रहे हैं जो प्रकृति के असंतुलन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। इसके अलावा हमारे कारखानों से निकलने वाला जहरीला धुआं वातावरण को दूषित कर रहा है।

इस असंतुलन के कारण हैं सभी की प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ रहा है और आने वाले वक्त में और भी करना पड़ेगा। पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ चुका है। बारिश में कमी आ गई है।

हमें उसके प्रति गंभीर होना होगा तथा ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे।

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