India Languages, asked by tittala4699, 10 months ago

प्रकृतिप्रत्ययविभागः क्रियताम्-

प्रेत्य, तीर्वा, धावतः, तिष्ठत्, जवीयः

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Answered by coolthakursaini36
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प्रकृतिप्रत्ययविभागः क्रियताम्-

प्रेत्य, तीर्वा, धावतः, तिष्ठत्, जवीयः

क. प्रेत्य=  प्र+इ+ल्यप् = प्र उपसर्ग+इ धातु+ल्यप् प्रत्यय|

ख. तीर्वा = तृ+कत्वा   = तृ धातु+कत्वा प्रत्यय|

ग. धावतः = धाव्+शतृ (नपुंसकलिंग, षष्ठी-एकवचन)

घ. तिष्ठत् = स्था+शतृ (नपुंसकलिंग, प्रथमा-एकवचन)

ङ. जवीयः = जव+ईयसुन् (नपुंसकलिंग, प्रथमा-एकवचन)

Answered by JackelineCasarez
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प्रत्ययविभागः क्रियताम्

Explanation:

उपसर्ग वे शब्द हैं जिनका स्वतंत्र रूप से कोई अर्थ नहीं है।

प्रत्यय एक ऐसा शब्द है जिसका स्वतंत्र रूप से अर्थ नहीं होता है लेकिन इसके बाद संलग्न होने से किसी शब्द का अर्थ संशोधित होता है।

क). प्रेत्य=  प्र+इ+ल्यप्

प्र(उपसर्ग), इ(धातु), ल्यप् (प्रत्यय)|

ख). तीर्वा = तृ+कत्वा  

तृ (धातु), कत्वा (प्रत्यय)|

ग). धावतः = धाव्+शतृ

षष्ठी-एकवचन, नपुंसकलिंग,

घ). तिष्ठत् = स्था+शतृ (

प्रथमा-एकवचन, नपुंसकलिंग

ङ). जवीयः = जव+ईयसुन्

प्रथमा-एकवचन, नपुंसकलिंग

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