प्रकृति पर एक छोटी सी कविता लिखिए
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Answer:
अगर पेड़ भी चलते होते कितने मजे हमारे होते।
जहां कहीं भी धूप सताती उसके नीचे बैठ सुस्ताते।।
बांध तने में उसके रस्सी चाहे जहां कहीं ले जाते।
लगती जब भी भूख अचानक तोड़ मधुर फल उसके खाते।।
आती कीचड़ बाढ़ कहीं तो झट उसके ऊपर चढ़ जाते।
जब कभी वर्षा हो जाती उसके नीचे हम छिप जाते।।
अगर पेड़ भी चलते होते।
कितने मजे हमारे होते।।
Explanation:
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे
ये हवाओ की सरसराहट
ये पेड़ो पर फुदकते चिड़ियों की चहचहाहट
ये समुन्दर की लहरों का शोर
ये बारिश में नाचते सुंदर मोर
कुछ कहना चाहती है हमसे
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे
ये खुबसूरत चांदनी रात
ये तारों की झिलमिलाती बरसात
ये खिले हुए सुन्दर रंगबिरंगे फूल
ये उड़ते हुए धुल
कुछ कहना चाहती है हमसे
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे
ये नदियों की कलकल
ये मौसम की हलचल
ये पर्वत की चोटियाँ
ये झींगुर की सीटियाँ
कुछ कहना चाहती है हमसे
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे