पारम्परिक एवं गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के तीन-तीन उदाहरण लिकिये
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गया है। आज के दौर में ऊर्जा बिना जीना संभव नहीं। विद्युत उपकरणों से लेकर औद्योगिक यंत्र, सब कुछ बिजली से ही चलते हैं।
यहाँ तक की किसी देश के आर्थिक विकास को भी उसकी ऊर्जा की खपत द्वारा ही नापा जाता है। जितना अधिक प्रति व्यक्ति ऊर्जा का सेवन, उतना ही विकसित वह देश।
वर्तमान में, भारत की ऊर्जा का सेवन अन्य देशों से बहुत कम है।
ऊर्जा के स्रोत दो प्रकार के हो सकते हैं –
1) पारंपरिक ऊर्जा स्रोत (Conventional sources of energy)
2) गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत (Non conventional sources of energy)
इस लेख में हम केवल गैर पारंपरिक ऊर्जा पर ही चर्चा करेंगे।
विषय-सूचि
गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत क्या हैं? (Non conventional sources of energy in hindi)
गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के उदाहरण (list of Non conventional sources of energy in hindi)
सौर ऊर्जा (Solar energy in hindi)
वायु ऊर्जा (Wind energy in hindi)
ज्वारीय ऊर्जा (Tidal energy in hindi)
भूतापीय ऊर्जा (Geothermal energy in hindi)
बायो मास (Biomass in hindi)
गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत क्या हैं? (Non conventional sources of energy in hindi)
गैर पारंपरिक स्रोत वे हैं, जो हाल ही में प्रयोग में आए हैं। इन स्रोतों को प्रयोग करने का उपाय तथा तकनीक, पहले दोनों ही नहीं थे।
इन स्त्रोतों की विशेषताएं निम्न हैं:
ये पृथ्वी पर असीमित मात्रा में हैं।
ये स्रोत कभी लुप्त नहीं होंगे। यदि थोड़ी चेष्टा हो और इनका ध्यान रखा जा सके, तो ये सदा हमे ऊर्जा प्रदान करते रहेंगे।
इस प्राकर के ऊर्जा स्रोत अक्षय ( रिन्यूएबल ) होते हैं।
क्योंकि ये प्रदूषण हीन हैं, इन्हें पर्यावरण हितेषी ( ईको फ्रेंडली ) भी कहा जाता है। यदि प्रदूषण हो भी, तो वह इतना कम होता है कि उसे नियंत्रण में रखा जा सके।
इनका प्रयोग अधिकतर बिजली के उत्पादन के लिए किया जाता है। इनसे विश्व के उन कोनों तक भी बिजली पहुँचाई जा सकती है जहाँ तार बिछाना कठिन है।
पारंपरिक स्रोतों की तुलना में ये सस्ते संसाधन हैं।
इसके कुछ उदाहरण हैं – सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा, ज्वारीय ( tidal ) ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, बायो
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thank you friends.