Hindi, asked by Mohitthapar823, 9 months ago

प्ररूषण की
के मध्य
समस्पा पर
सवाय लिखे
आकाश और बहन
T

Answers

Answered by ms8367786
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Answer:

पहला मित्र- मित्र, बहुत दुखी दिखाई दे रहे हो।

दूसरा मित्र– हाँ मित्र, दिल्ली के प्रदूषण ने जीना मुश्किल कर दिया है।

पहला मित्र- सही कह रहे हो। मनुष्य ने तो पर्यावरण के महत्त्व को ही भुला दिया है।

दूसरा मित्र- पर्यावरण के लिए वृक्ष से बड़ा मित्र तो हो ही नहीं सकता। पर मनुष्य का दुर्भाग्य कि वह विकास के नाम पर इसकी कटाई करता जा रहा है।

पहला मित्र– हाँ, पर बढ़ती गाड़ियों की संख्या और कल-कारखानों से निकलने वाले धुएँ भी इसे रात-दिन बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं।

दूसरा मित्र- मित्र, अगर ऐसा ही चलता रहा, तो धीरे-धीरे मानव जाति का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। (चिंतित होते हुए) क्या यह मनुष्य इतना क्रूर और स्वार्थी हो गया है। कि इसके बारे में जरा-सा भी नहीं सोचता।

पहला मित्र- मित्र, ऐसा नहीं है, कुछ लोग प्रदूषण से सुरक्षा के लिए भी प्रयास कर रहे हैं।

दूसरा मित्र— यह तो अच्छी बात है। चलो, साथ मिलकर हम भी प्रयास करते हैं तथा दिल्ली सरकार से आग्रह करेंगे कि वह भी कुछ सहयोग करें। पहला मित्र-धन्यवाद !

अथवा

पहली महिला- सखी, दिल्ली अब महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रही।

दूसरी महिला— सखी, आज तुम बहुत परेशान दिख रही हो !

पहली महिला– हाँ! परेशानी की तो बात है ही। शायद तुमने समाचार पत्र को पढ़ा ही नहीं ?

दूसरी महिला- नहीं ! पर बात क्या है? बताओ तो सही।

पहली महिला- एक दिन की बात हो तो सही, अब प्रतिदिन समाचार पत्र में मुख्य खबर के रूपे अपहरण छीना-झपटी, राह चलती महिलाओं के साथ छेड़-छाड़ की घटना भरी हुई होती हैं। गंदी नजरों से देखना तो आम बात हो गई है।

दूसरी महिला– सही है, पर इसके लिए निराश होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार भी इस संदर्भ में प्रयासरत है। हमें मिलजुलकर इसकी रोकथाम के प्रयास करने की आवश्यकता है।

पहली महिला- केवल प्रयास करने से नहीं होगा अपितु लोगों को जागरूक करना होगा कि वे महिला को सम्मान की नजरों से देखें तथा महिलाओं को सशक्त करना होगा।

पहली महिला- सही कहती हो। चलो! निराशा छोड़ो ! सकारात्मक रहो, धन्यवाद!

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