प्रसंग वर्णन 60 - 80 words
मैं एक दिन घुमता हुआ नदी किनारे चला गया | वहां मैने देखा की कल - कारखानों से दूषित पाणी नदी में छोडा जा रहा था, महिलाएं कपडे धो रही थी, लोग गाडीयां धो रहे थे। नदी की यही अवस्था मुझे दिखाई दी।
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प्रसंग वर्णन
मैं एक दिन घुमता हुआ नदी किनारे चला गया | वहां मैने देखा की कल - कारखानों से दूषित पाणी नदी में छोडा जा रहा था, महिलाएं कपडे धो रही थी, लोग गाडीयां धो रहे थे। नदी की यही अवस्था मुझे दिखाई दी।
प्रसंग - निम्नलिखित पंक्तियों में नदी में फैली ही गंदगी हुई का वर्णन किया है| एक दिन की बात है जब मैं घूमते हुए नदी के पास पहुंचा तो मैंने देखा की नदी की हालत बहुत खराब थी| मनुष्य ने अपने लाभ के लिए नदी को दूषित करके रखा है और बहुत से लोग कपड़े धो रहे है , गाड़ियाँ धो रहे है , कारखानों से निकली गैसे , कूड़ा सब नदी में जा रहा था | यह देख कर बहुत दुःख हुआ हमें मिलकर इसे रोकना चाहिए और नदी की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है|
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https://brainly.in/question/15929646
निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए और उसका काव्यगत-सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए—
मेरे जीवन का आज मूक,
तेरी छाया से हो मिलाप;
तन तेरी साधकता छू ले,
मन ले करुणा की थाह नाप ।
उर में पावस दृग में विहान ।
Answer:
मैं एक दिन घुमता हुआ नदी किनारे चला गया | वहां मैने देखा की कल - कारखानों से दूषित पाणी नदी में छोडा जा रहा था, महिलाएं कपडे धो रही थी, लोग गाडीयां धो रहे थे। नदी की यही अवस्था मुझे दिखाई दी।