प्रसंगलेखन/अनुभवलेवन
खालील मुद्यांच्या आधारे 'महापूर-एक भयाण अनुभव' या
विषयावर १०० ते १२० शब्दांत प्रसंगलेखन करा,
मुसळधार पाउसबविजांचा कडकडाट
नदीना महापूर येथे
नोकांचे स्थलांतर
माणसे.पुरे पाण्यात वाहत जाणे
बरांची पडझड,नुकसान
मनाला विषण्ण वाटणे
Answers
Answer:
उपयुक्त शीर्षक लिखिए। (1)
ख. विज्ञापन किसे कहते हैं।
ग. पुराने समय में विज्ञापन का तरीका क्या था?
घ. विज्ञापन के आलोचकों के विज्ञापन के
संदर्भ में क्या विचार हैं?
(1)जब समाचार पत्रों में सर्वसाधारण के लिए कोई
सूचना प्रकाशित की जाती है तो उसको विज्ञापन कहते
हैं। यह सूचना नौकरियों से संबंधित हो सकती है, खाली
मकान को किराए पर उठाने के संबंध में हो सकती है या
किसी औषधि के प्रचार-प्रसार के संबंध में हो सकती है।
कुछ लोग विज्ञापन के आलोचक हैं। वे इसे निरर्थक
मानते हैं। उनका मानना है कि यदि कोई वस्तु यथार्थ रूप
में अच्छी है तो वह बिना किसी विज्ञापन के ही लोगों के
बीच लोकप्रिय हो जाएगी जबकि खराब वस्तुएं विज्ञापन
की सहायता पाकर भी भंडाफोड़ होने पर बहुत दिनों तक
टिक नहीं पाएंगी।
आज के युग में मानव का प्रचार-प्रसार का दायरा
व्यापक हो चुका है। अतः विज्ञापनों का होना अनिवार्य हो
जाता है। किसी अच्छी वस्तु की वास्तविकता से परिचय
पाना आज के विशाल संसार में विज्ञापन के बिना
नितांत असंभव है। पुराने जमाने में किसी वस्तु की
अच्छाई को विज्ञापन मौखिक तरीके से होता था। मनुष्य
की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं। इसलिए विज्ञापन
मानव-जीवन की अनिवार्यता बन गया है।
क. गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए। (1)
ख. विज्ञापन किसे कहते हैं।
ग. पुराने समय में विज्ञापन का तरीका क्या था?
घ. विज्ञापन के आलोचकों के विज्ञापन के
संदर्भ में क्या विचार हैं?
(1)
उपयुक्त शीर्षक लिखिए। (1)
ख. विज्ञापन किसे कहते हैं।
ग. पुराने समय में विज्ञापन का तरीका क्या था?
घ. विज्ञापन के आलोचकों के विज्ञापन के
संदर्भ में क्या विचार हैं?
(1)जब समाचार पत्रों में सर्वसाधारण के लिए कोई
सूचना