Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

प्रस्तुत काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
हे ग्राम देवता नमस्कार!
सोने चांदी से नहीं किंतु तुमने मिट्टी से किया प्यार!
हे ग्राम देवता नमस्कार!
जन कोलाहल से दूर कहीं एकाकी सिमटा सा निवास,
रवि शशि का उतना नहीं जितना प्राणों का होता प्रकाश,
श्रम वैभव के बल पर करते हो जड़ से चेतन का विकास,
दानों- दानों में फूट रहे सौ-सौ दानों के हरे हास,
यह है ना पसीने की धारा , यह गंगा की है धवल धार,
हे ग्राम देवता नमस्कार!
अधखुले अंग जिनमे केवल हैं कसे हुए कुछ अस्थि खंड
जिनमें दधीचि की हड्डी है यह वज्र इंद्र का है प्रचंड!
जो है गतिशील सभी ऋतु में गर्मी वर्षा हो या की ठंड
हे ग्राम देवता नमस्कार!
क) अभी किसे प्रणाम करता है व क्यों?
ख) ग्राम देवता की हड्डियों की तुलना किसने किससे व क्यों की है? स्पष्ट कीजिए।
ग) अधखुले अंग किसके हैं?
घ) ग्राम देवता कहां निवास करते हैं?
ड़) “दानों- दानों में फूट रहे सौ-सौ दानों के हरे हास,”प्रस्तुत पंक्ति में कौनसा अलंकार प्रयुक्त हुआ है?
(Class 10 Hindi A Sample Question Paper)

Answers

Answered by nikitasingh79
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क) कभी ग्राम देवता को प्रणाम करता है क्योंकि ग्राम देवता धन दौलत की जगह मिट्टी से प्यार करता है। कहने का तात्पर्य यह है कि ग्राम देवता को सोने चांदी आदि से प्यार नहीं है अपितु उसे तो अपनी मिट्टी से प्यार है।

ख) ग्राम देवता की हड्डियों की तुलना कवि ने दधीचि की हड्डियों से की है क्योंकि दधीचि की हड्डियों से बना वज इतना शक्तिशाली था कि सभी उससे भयभीत रहते थे। उसी प्रकार ग्राम देवता भी इतने शक्तिशाली हैं कि सर्दी, गर्मी सभी ऋतुओं में कर्मरत रहते हैं।

ग) अवखुले अंग किसान के हैं।

घ) ग्राम देवता ग्राम में बनी अपनी झोपड़ी में निवास करते हैं।

ड़)दानों- दानों में फूट रहे सौ-सौ दानों के हरे हास, प्रस्तुत पंक्ति में पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार है।

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