प्रस्तुत पदों के आधार पर गोपियों का योग-साधना के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट करें।NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 1- पद हिंदी प्रश्न 8
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प्रस्तुत पदों के आधार पर गोपियों ने योग साधना ना कभी देखा और ना कभी सुना। वे योग साधना को कड़वी ककड़ी के समान मानती है, अतार्थ जिस प्रकार कड़वी ककड़ी को खाया नहीं जा सकता, उसी प्रकार श्री कृष्ण के मोह व उनके प्रेम को त्यागकर योग साधना का मार्ग उनसे नहीं अपनाया जा सकता। गोपियों के अनुसार योग साधना तो उन व्यक्तियों के लिए है जिनका मन चंचल रहेता है और इधर उधर भटकता रहता है।
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प्रस्तुत पदों में योग-साधना के ज्ञान को निरर्थक बताया गया है। यह ज्ञान गोपियों के अनुसार अव्यवाहरिक और अनुपयुक्त है। उनके अनुसार यह ज्ञान उनके लिए कड़वी ककड़ी के समान है जिसे निगलना बड़ा ही मुश्किल है। सूरदास जी गोपियों के माध्यम से आगे कहते हैं कि ये एक बीमारी है। वो भी ऐसा रोग जिसके बारे में तो उन्होंने पहले कभी न सुना है और न देखा है। इसलिए उन्हें इस ज्ञान की आवश्यकता नहीं है। उन्हें योग का आश्रय तभी लेना पड़ेगा जब उनका चित्त एकाग्र नहीं होगा। परन्तु कृष्णमय होकर यह योग शिक्षा तो उनके लिए अनुपयोगी है। उनके अनुसार कृष्ण के प्रति एकाग्र भाव से भक्ति करने वाले को योग की ज़रूरत नहीं होती।