प्रस्तावित रॉलट एक्ट, 1919 के खिलाफ गांधी जी के सत्याग्रह आंदोलन का मूल्यांकन करें।
Answers
Answer:
महात्मा गाँधीजी ने व्यापक हड़ताल का आह्वान किया। रॉलेट एक्ट गांधीजी के द्वारा किया गया राष्ट्रीय स्तर का प्रथम आंदोलन था। 24 फरवरी 1919 के दिन गांधीजीने मुंबई में एक "सत्याग्रह सभा"का आयोजन किया था और इसी सभा में तय किया गया और कसम ली गई थी की रोलेट एक्ट का विरोध 'सत्य' और 'अहिंसा' के मार्ग पर चलकर किया जाएंँगा। please mark briiliant list
रॉलट एक्ट के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन:
$\longrightarrow$ 1919 में गांधीजी ने प्रस्तावित रॉलट एक्ट (1919) के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह शुरू करने का फैसला किया |
$\longrightarrow$ महात्मा गांधी इस तरह के अन्यायपूर्ण कानूनों के खिलाफ अहिंसक सविनय अवज्ञा चाहते थे, जो 6 अप्रैल से शुरू होगी।
$\longrightarrow$ विभिन्न शहरों में रैलियों का आयोजन किया गया।
$\longrightarrow$ रेलवे कार्यशालाओं में श्रमिक हड़ताल पर चले गए, और दुकानें बंद हो गई|
$\longrightarrow$ रेलवे और टेलीग्राफ जैसे संचार की लाइनें बाधित हो जाएंगी।
$\longrightarrow$ ब्रिटिश प्रशासन ने राष्ट्रवादियों पर शिकंजा कसने का फैसला किया।
$\longrightarrow$ स्थानीय नेताओं को जेल में डाल दिया गया।
$\longrightarrow$ 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग की घटना घटी।
$\longrightarrow$ कई कस्बों में भीड़ सड़कों पर उतर गई।
$\longrightarrow$ सरकार ने क्रूर दमन शुरू किया।
$\longrightarrow$ सितंबर 1920 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में, उन्होंने खिलाफत के साथ-साथ स्वराज के समर्थन में एक असहयोग आंदोलन शुरू करने की आवश्यकता महसूस की।