Hindi, asked by harshitadas6241, 2 months ago

प्रसाद जी के अनुसार कथा साहित्य की मूल चेतना क्या है?

Answers

Answered by 01aryasonwalkar
0

PLEASE MARK ME AS BRAINLIEST

Here is your answer

hope it will help you

Explanation:

QUESTION : प्रसाद जी के अनुसार कथा साहित्य की मूल चेतना क्या है?

ANSWER : प्रसाद जी किसी भी तरह की मानसिक बनावट को यथार्थ का हिस्सा मानते थे। उनकी रचनाओं में अतिवाद का आग्रह नहीं मिलता था और अपनी रचनाओं के माध्यम से वह प्रचार और कला दोनों को अद्वैता के आधार पर विकसित कर प्रस्तुत करते थे, यही उनके कथा साहित्य की मूल चेतना थी।

Similar questions