प्रश्न 1 बैंकर और उपभोक्ता के बीच का 'देनदार-लेनदार का रिश्ता और अन्य व्यवसायिक संबंधों
से यह कैसे अलग होता हैं? स्पष्ट करें।
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बैंकर और उपभोक्ता
स्पष्टीकरण:
- बैंकर और ग्राहक का रिश्ता भरोसे पर टिका होता है।
- जबकि बैंकों को आज के विश्व में किसी देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक माना जाता है।
- यह एक अच्छी तरह से काम करने वाली वित्तीय प्रणाली है जो अर्थव्यवस्था के उचित विकास का मार्ग प्रशस्त करती है।
- यह लेख ग्राहक-बैंकर संबंधों के विभिन्न रूपों की गहराई से जाँच करता है।
- यह कई कानूनों को भी संबोधित करता है जो बैंकर और ग्राहक के हितों की रक्षा करते हैं और उचित उपचार देते हैं
- जब कोई बैंक किसी ग्राहक को ऋण या अन्य ऋण सुविधा प्रदान करता है, तो बैंकर और ग्राहक के बीच संबंध उल्टा हो जाता है, उपभोक्ता के साथ देनदार और बैंकर लेनदार के रूप में।
- ऐसे मामलों में, बैंकर ग्राहक का पैसा नहीं रखता/रखता है, बल्कि ग्राहक के हाथ में बैंक का पैसा रखता है।
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