Hindi, asked by archana98151, 6 hours ago

प्रश्न-1 नीचे दिए गए गद्याशं को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उत्तर दीजिए। जिस प्रकार मनुष्य अपने जीवन में कई रूप को अपनाता है उसी प्रकार प्रकृति भी अपने रूप को बदलत रहती है कभी शरद तो कभी ग्रीष्म कभी वर्षा तो कभी पतझड़ाप्रकृति के इस बदलते स्वरूप का प्रभाव धरती की बनती बिगड़ती छवि में देखा जा सकता है। वसंत के आते ही धरती जहां मन मोहिनी रूप अपना लेती है तो वही शरद ऋतु के आते ही पेड़ों से पतियां झड़ जाती है। बर्फीली हवाओं में सारा जगत सिकुड़ जाता है।ग्रीष्म आने से पूर्व बसंत मुरझाए फूल- पौधों में कलियां खिला देता है और वर्षा का सुहाना मौसम पूरी धरती को हरा-भरा बना देता है। इस प्रकार धरती श्रृंगार करती है। प्रश्न - 1 मनुष्य और प्रकृति में क्या समानता है? प्रश्न-2 गद्यांश में कितनी ऋतु ओं का वर्णन किया गया है? प्रश्न 3 धरती मन मोहिनी रूप कब अपना लेती है?​

Answers

Answered by ruhi30834
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Answer:

प्रश्न १ ans. जिस प्रकार मनुष्य अपने जीवन में कई रूप को अपनाता है उसी प्रकार प्रकृति भी अपने रूप को बदलत रहती है

प्रश्न २ ans. ४

प्रश्न ३ ans. वसंत के आते ही धरती जहां मन मोहिनी रूप अपना लेती है

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