प्रश्न 1.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए |
जब कोई युवा अपने घर से बाहर निकलकर बाहरी संसार में स्थिति जमाता है, तब पहली कठिनता उसे मित्र चुनने में पड़ती है | मित्रों के चुनाव की उपयुक्तता पर उसके जीवन की सफलता निर्भर हो जाती है, क्योंकि संगति का बड़ा भारी गुप्त प्रभाव हमारे आचरण पर पड़ता है। हम लोग ऐसे समय में समाज में प्रवेश करके अपना कार्य आरंभ करते हैं, जबकि हमारा चित्त कोमल होता है। हम लोग कच्ची मिट्टी की मूर्ति के समान रहते हैं, जिसे जो जिस रूप में चाहे, उस रूप में ढाले चाहे राक्षस बनाए चाहे देवता |ऐसे लोगों का साथ करना हमारे लिए बुरा है, जो हमसे अधिक दृढ़ संकल्प के हैं क्योंकि हमें उनकी हर बात बिना विरोध के मान लेनी पड़ती है पर ऐसे लोगों का साथ और भी बुरा है जो हमारी बात को ऊपर रखते हैं. 1
क्योंकि ऐसी दशा में हमारे ऊपर कोई नियंत्रण नहीं रहता | कैसे आश्चर्य की बात है कि लोग
एक घोड़ा लेते समय तो उसके गुण दोष को परख कर लेते हैं, पर किसी को मित्र बनाने में
उसके पूर्व आचरण और स्वभाव आदि का कुछ भी विचार और अनुसंधान नहीं करते |
1. आज के युवा के सामने पहली कठिनाई क्या आती है?
2. कैसे लोगों का साथ और भी बुरा माना गया है?
3. बचपन में हमारा चित्त किसके समान होता है?
4. "गुण-दोष " में कौनसा समास है?
5. गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए |
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(क) आज के युवा के सामने पहली कठिनाई मित्र चुनने में आती है।
(ख) हम लोग कचची मिट्टी की मूर्ति के समान रहते है,जिसे जो जिस रूप में चाहे,उस रूप में ढाले चाहे रक्षक बनाए चाहे देवता।ऐसे लोगो का साथ बुरा है।
(ग)
(घ) दिविगु समास
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Answer:
1) मित्र चुनने की
2) जो हमसे अधिक दृड़ संकल्प के होते है।
3) कच्ची मिट्टी की मूर्ति के समान होता है।
4) द्वंद्व समास
5) मित्र चुनाव
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