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प्रश्न:-1 निम्नलिखित गद्य को पढकर नीचे दिये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
भगवान जब अनुग्रह करकते हैं तो अपनी दिव्य ज्योति ऐसे महान सन्तों में उतार देते हैं। एक
बार जब यह ज्योति मानव देह को आश्रय करके उतरती है तो चुपचाप नहीं बैठती। वह क्रियात्मक होती है,
नीचे गिरे हुए अभाजन लोगों को वह प्रभावित करती है, ऊपर उठाती है। वह उतरती है और ऊपर उठाती
है। इसे पुराने पारिभाषिक शब्दों में कहे तो कुछ इस प्रकार होगा कि एक ओर उसका" अवतार” होता है,
दूसरी ओर "उद्वार" होता है। अवतार और उद्वार की यह लीला भगवान के प्रेम का सक्रिय रूप है।
(क) उपर्युक्त गद्य का सन्दर्भ लिखिए।
रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ग) " अवतार' और 'उद्वार' का अर्थ लिखिए।
(घ) अवतार और अद्वार की लीला क्या है।
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Explanation:
प्रश्न:-1 निम्नलिखित गद्य को पढकर नीचे दिये प्रश्नों के उत्तर दीजिए। भगवान जब अनुग्रह करकते हैं तो अपनी दिव्य ज्योति ऐसे महान सन्तों में उतार देते हैं। एक बार जब यह ज्योति मानव देह को आश्रय करके उतरती है तो चुपचाप नहीं बैठती।1 day ago
please
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प्रश्न:-1 निम्नलिखित गद्य को पढकर नीचे दिये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
भगवान जब अनुग्रह करकते हैं तो अपनी दिव्य ज्योति ऐसे महान सन्तों में उतार देते हैं। एक
बार जब यह ज्योति मानव देह को आश्रय करके उतरती है तो चुपचाप नहीं बैठती। वह क्रियात्मक होती है,
नीचे गिरे हुए अभाजन लोगों को वह प्रभावित करती है, ऊपर उठाती है। वह उतरती है और ऊपर उठाती
है। इसे पुराने पारिभाषिक शब्दों में कहे तो कुछ इस प्रकार होगा कि एक ओर उसका" अवतार” होता है,
दूसरी ओर "उद्वार" होता है। अवतार और उद्वार की यह लीला भगवान के प्रेम का सक्रिय रूप है।
(क) उपर्युक्त गद्य का सन्दर्भ लिखिए।
रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ग) " अवतार' और 'उद्वार' का अर्थ लिखिए।
(घ) अवतार और अद्वार की लीला क्या है।
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