प्रश्न 1:- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
बड़े-बड़े शस्त्रों का प्रहार वह काम नहीं कर पाता जो मनुष्य की कटु वाणी कर देती है शस्त्रों के
घाव चिकित्सा से भर जाते हैं पर वानी के घावों की चिकित्सा नहीं कटु वाणी से मनुष्य दूसरों का दिल तो
दुखाता ही है पर स्वयं ही स्थान स्थान पर अनादर का पात्र बन जाता है कड़वा बोलने वालों से कोई बात
करना पसंद नहीं करता है उसके दुख दर्द में किसी की सहानुभूति नहीं होती समाज में जिन महापुरुषों ने
कुछ पद और उच्च शिक्षा प्राप्त की है कि सभी मृदुभाषी थे भगवान बुद्ध ने कभी अपने कट्टर शत्रु तक को
कटु वचन नहीं कहे इसलिए अंत में वे उनके चरणों में आकर गिरे मृदुभाषी लोगों के शत्रु भी मित्र बन जाते
हैं।
प्रश्न
(1
)
(1)
(क) कटु वाणी और शस्त्रों के घाव में क्या अंतर है ?
(ख) कटु वाणी बोलने वाले से लोग कैसा व्यवहार करते हैं ?
(ग) समाज में कौन कौन से लोक प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं ?
(घ) मृदुभाषी लोगों के शत्रु भी मित्र बन जाते हैं ,कैसे ?
(ड) उपयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(2)
(2)
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1. shastro ke ghaav bhar jate h kintu katu Vani se dil me pahuche dard kabhi nhi bharta
2. katu Vaani bolne wale logo ke sath unke dukh dard me koi shamil nhi hona chahta aur na hi koi unse baat karna bhi nhi pasand karta hai
3.samajh me vahi log pratishat prapt karte h jo mithi vaani bolte h
4. kyuki ve katu vaani nhi bolte
5.mithi vaani sarvpriye
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