प्रश्न 1-निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए.
हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिजरबद्धन गा पाएंगे,
कनक तीलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जाएंगे।
हम बहता जल पीनेवाले
मर जाएँगे भूखे-प्यासे,
कहीं भली है कटुक निबौर
कनक-कटोरी की मैदा से।
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riiiitgggggiiiiiiiitygiyo
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