प्रश्न 11- आग्नेय शैलों की तीन वशेषताएँ लखए.
Answers
Answer:
आग्नेय शैल (Igneous rocks)- आग्नेय शैल का निर्माण पृथ्वी के आंतरिक भाग के मैग्मा एवं लावा से होता है। अतः इनको प्राथमिक शैलें भी कहते हैं। मैग्मा के ठंडे होकर घनीभूत हो जाने पर आग्नेय शैलों का निर्माण होता है। जब अपनी ऊपरगामी गति में मैग्मा ठंडा होकर ठोस बन जाता है, तो यह आग्नेय शैल कहलाता है। ठंडा तथा ठोस बनने की यह प्रक्रिया पृथ्वी की पर्पटी या सतह पर हो सकती है। ग्रेनाइट, गैब्रो, पैग्मेटाइट, बैसाल्ट आदि आग्नेय शैलों के उदाहरण हैं।
► आग्नेय चट्टानें स्थूल परत रहित एवं जीवाश्म रहित होती हैं।
► ये चट्टानें आर्थिक रूप से उपयोगी मानी जाती हैं। इन चट्टानों में लोहा, निकिल, ताँबा, सीसा, जस्ता, क्रोमाइट, मैंगनीज, सोना तथा प्लेटिनम आदि पाए जाते हैं।
► झारखण्ड में पाया जाने वाला अभ्रक इन्हीं शैलों में मिलता है।
► आग्नेय चट्टान चट्टानें कठोर और रवेदार होती हैं। इन चट्टानों पर रासायनिक अपक्षय का बहुत कम प्रभाव पड़ता है।
► इनमें किसी भी प्रकार के जीवाश्म नहीं पाए जाते हैं। इन चट्टानों का अधिकांश विस्तार ज्वालामुखी क्षेत्रों में पाया जाता है।
Explanation:
hope it will help you if yes so don't forget
MARK ME AS BRAINLIST...