प्रश्न 14.
‘कृषिशास्त्र के प्रवर्तक’ के रूप में किसे याद किया जाता हैं?
Answers
‘कृषिशास्त्र के प्रवर्तक के रूप में ‘महर्षि पाराशर’ को याद किया जाता है।
‘महर्षि पाराशर’ प्राचीन भारत के एक बहुत बड़े विद्वान थे, जिन्होंने कृषि के क्षेत्र में अपना महत्वपू्र्ण योगदान दिया था। उन्होंने ‘कृषि पाराशार’ नामक अनमोल ग्रंथ की रचना की थी।
इस ग्रंथ में उन्होंने कृषि संबंधी विभिन्न पहलुओं का विवेचन प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन के लिये भोजन अत्यन्त आवश्यक है और भोजन अन्न से बनता है, अन्न धान्य से बनता है, और धान्य फसल से प्राप्त होता है, फसल के लिये कृषि करना आवश्यक है। अतः मनुष्य को सर्वप्रथम कृषि को महत्व देना चाहिये।
उन्होंने ग्रंथ में ‘कृषि पाराशर’ यह वर्णन किया कि कृषि कार्य कब शुरू करना चाहिए, कौन सी फसल कब उगानी चाहिए। खेत में काम करने वाले पशुओं के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। गौशाला तथा उसका रखरखाव कैसे करना चाहिए और आने वाले मौसम का पूर्वानुमान कैसे करना चाहिए। उन्होंने अपने ग्रंथ में वर्षा संबंधी भविष्यवाणी का विवेचन किया है, जिससे किसानों को बड़ा लाभ हुआ है, और आज भी गांव-देहात में पुराने किसान उनके द्वारा बताई तकनीक से वर्षा का पूर्वानुमान करते हैं।