Hindi, asked by pp8088637, 7 months ago

प्रश्न-14 निम्नलिखित श्लोक का हिन्दी में अनुवाद कीजिए -
Translate the following Shloka into Hindi -
आत्मवत्सर्वभूतानि पश्यतोऽस्य पदानुगाः ।
गुणैः परवशीभूता व्यवर्धन्त सहस्रशः ।।'​

Answers

Answered by shishir303
1

आत्मवत्सर्वभूतानि पश्यतोऽस्य पदानुगाः ।

गुणैः परवशीभूता व्यवर्धन्त सहस्रशः ।।'​

अर्थ ► सभी आत्मीय जनों को अपने समान देखने वाले उस महात्मा के अनुयायी उनके गुणों से वशीभूत होकर हजारों की संख्या में आगे बढ़ने लगे।

व्याख्या ►महात्मा गाँधी जो सभी लोगों को एक समान समझते थे और उन्हें अपने समान ही मानते थे, ऐसे महात्मा गाँधी के गुणों को देखकर उनका अनुसरण करने वाले उनके शिष्य उनके पदचिन्हों पर चलने के लिये सदैव तत्पर रहते थे। इसलिये वो उनके साथ आगे बढ़ने के लिये तैयार थे।

यह श्लोक भव्य भव्यसत्यग्रहाश्रम पाठ से उद्धृत किया गया है। यह पाठ श्रीमती क्षमाराव कृत सत्यार्थ ग्रहगीता के चतुर्थ अध्याय से लिया गया है।

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