प्रश्न-17
महानदी का प्राचीन नाम क्या था?
What was the ancient name of Mahanadi?
प्रश्न-18
सती प्रथा को समाप्त करने के लिए कानून कब बनाया गया?
When was the law made to end the Sati practice?
प्रश्न-19
संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे?
Who was the President of Constituent Assembly?
.
Answers
Answer:
17.प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था। महानन्दा एवं नीलोत्पला भी महानदी के ही नाम हैं। महानदी का उद्गम रायपुर के समीप धमतरी जिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से हुआ है।
The word Mahanadi is a compound of the Sanskrit words maha ("great") and nadi ("river").
Administrative areas: Raipur, Janjgir, Bilaspur (Chhattisgarh), Sambalpur, Subarnap...
Parts: Chhattisgarh, Odisha
Cities: Rajim, Sambalpur, Cuttack, Sonepur, Birmaharajpur, Subalaya, Kantilo, Boudh, ...
18.ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राममोहन रॉय ने सती प्रथा के विरुद्ध समाज को जागरूक किया, जिसके फलस्वरूप इस आन्दोलन को बल मिला और तत्कालीन अंग्रेजी सरकार को सती प्रथा को रोकने के लिये कानून बनाने पर विवश होना पड़ा था। अन्तत: उसने सन् 1829 में सती प्रथा रोकने का कानून पारित कर दिया था।
The Bengal Sati Regulation which banned the Sati practice in all jurisdictions of British India was passed on December 4, 1829 by the then Governor-General Lord William Bentinck. The regulation described the practice of Sati as revolting to the feelings of human nature.
19. 11 दिसंबर, 1946 ई. को डॉ राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
The Constitution was framed by the Constituent Assembly of India, established by the members of the provincial assemblies elected by the people of India. Dr Sachidanand Sinha was the first president of the Constituent Assembly. Later, Dr Rajendra Prasad was elected its president.