प्रश्न 2.
बेस्तील के पतन के बारे में आप क्या जानते हैं ?
Answers
Answer:
‘बेस्तील का किला’ प्राचीन फ्रांस का अति प्राचीन किला था। इसका उपयोग राजा द्वारा जेल के रूप में भी किया जाता था। जहां वह अपने राजनीतिक कैदियों को कैद करके रखा था। यह किला तत्कालीन राजा की निरंकुशता व वर्चस्व एवं प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता था।
20 जून 1789 को जब फ्रांस की एस्टेट जनरल की तृतीय सदन के सदस्य बैठक के लिए आए तो राजा ने सभा भवन का दरवाजा बंद कर दिया और उन्हें बैठक नहीं करने दी। तब सदस्यों ने सभा भवन के बाहर ही टेनिस कोर्ट में बैठक की और उसी समय यह सौगंध ली कि फ्रांस को संविधान दिला कर ही यह सभा विसर्जित करेंगे।
उसके बाद 14 जुलाई 1789 को आक्रोशित जनता की भीड़ ने ‘बेस्तील के किले’ पर आक्रमण कर दिया और किले में बंद सभी कैदियों को मुक्त करा लिया।
जनता ने वहां के सुरक्षा सैनिकों को मार डाला। 14 जुलाई की यह घटना फ्रांस में क्रांति का आरंभ थी। इसी घटना को ‘बेस्तील का पतन’ नाम से जाना जाता है क्योंकि ‘बेस्तील का किला’ जो राजा की निरंकुशता, उसकी प्रतिष्ठा और उसके वर्चस्व का प्रतीक था वह जनता के विरोध के आगे ढह गया और फ्रांस के राजा की निरंकुशता का पतन आरंभ हो गया।
Explanation:
14 जुलाई, 1789 को दोपहर को पेरिस, फ्रांस में बास्तोल के किले पर आक्रमण किया गया। पेरिस में इस मध्यकालीन किले और कैदखाने को बास्तील के नाम से जाना जाता था। यह राजतंत्र की कुप्रथा का प्रतीक था। बास्तील के किले के पतन के साथ ही फ्रांसीसी क्रांति आरंभ हो गई जिसके परिणामस्वरूप राजतंत्र की समाप्ति हुई।